
Hair cutting rools: भारत में लोग अक्सर रविवार या छुट्टियों के दिन केश दाढ़ी कटिंग का काम करवाते हैं.क्या यह सही है? धर्मशास्त्रों के अनुसार ऐसा करके आप खुद व खुद के परिवार के लिए परेशानियों को निमंत्रण दे रहे हैं.वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने इसे सही करार नहीं दिया है.सप्ताह के कुछ दिनों में ना,बाल, दाढ़ी आदि क्षौरकर्म करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव पड़ते हैं.आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज इसके बारे में क्या बताते हैं.
इस दिन भूल कर भी न कटवाएं नख-बाल
प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान बताया किक् क्षौरकर्म सप्ताह में दो दिन ही करना चाहिए.उनहोंने बताया कि क्षौरकर्म के लिए निर्धारित तिथि के अलावा अन्य दिन बाल, दाढ़ी,नख कटवाने चाहिए .अन्य दिन कटवायेंगे तो बहुत बड़ी नूकसान उठाना पड़ सकता है.आज कल लोग दिन में तीन बार दाढ़ी कटवा रहें हैं.इसलिए उनकी बुद्धि भ्रष्ट है.उन्होंने अपने प्रवचन में कहा कि जो शिव के उपासक हैं या अपने पुत्र की उन्नति चाहते हैं,उसे सोमवार के दिन क्षौरकर्म नहीं करना चाहिए.मंगलवार व शनिवार को क्षौरकर्म करने से अकाल मृत्यु का योग बनता है.इसलिए इन दोनों दिवसों को क्षौरकर्म नहीं करना चाहिए.
इस दिन क्षौरकर्म से मिलती है उन्नति
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि बुधवार, शुक्रवार को क्षौरकर्म करना चाहिए.इस दिन बाल,दाढ़ी,नख आदि कटवाने से लाभ,यश और उन्नति प्राप्त होती है. अधिकतर लोग रविवार को क्षौरकर्म करते हैं.इस दिन ऐसा करने से धन और बुद्धि,यश व की र्कीति की हानि होती है.वहीं गुरुवार को गुरु का दिन है.इस दिन नख बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है.
