पत्थरचट्टा: किडनी स्टोन का हानिकारक है यह पौधा, जड़ से लेकर घुटने में छिपा है कई बेकार का इलाज

Paththarchatta: आयुर्वेद में आयुर्वेद में पेड़ पौधों का बहुत बड़ा महत्व होता है और औषधीय महत्व के ये पेड़ पौधे कई बीमारियों के उपचार में कारगर होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही पौधे के बारे में बताएंगे जो कि हमारे शरीर के विभिन्न रोगों में बहुत ही लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेद में इसके गुणों की संपूर्ण रूप की व्याख्या की गई है. इस पौधे का नाम है पत्थरचट्टा. यह एक सदाबहार पौधा है यानी यह पौधा हर मौसम में हमेशा हरा भरा बना रहता है. पत्थरचट्टा के पौधे हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं. जिसके रस का प्रयोग हमें रोगों से छुटकारा के लिए कर सकते हैं.
स्वास्थ्यवर्धक गुणों से भरपूर
विशेषज्ञों के अनुसार इसके पौधे में मौजूद स्वास्थ्यवर्धक कई गुण होते हैं. जो कि कई रोगों के इलाज में कारगर साबित होता है. पत्थरचट्टा किडनी, गाॉलब्लाडर की पथरी से लेकर स्कीन की बीमारियों और अन्य रोगों में भी बहुत लाभकारी माना जाता है. अगर सिर दर्द की समस्या है तो यह बहुत ही लाभकारी है. साथ ही घाव को भरने में भी अब बहुत ही मदद करता है. इसके साथ खूनी दस्त की समस्या है तो उसमें भी यह कारगर है.
सूजन व खूनी दस्त में लाभकारी
विशेषज्ञों ने बताया कि पत्थरचट्टा के में अलग-अलग कंपाउंड पाए जाते हैं. जो की घाव को तेजी से ठीक करता है.यह शरीर की सूजन,लालिमा के साथ-साथ जलन जैसे रोगों में आराम पहुंचाता है.इसके साथ ही आंखों के लिए अत्यंत गुणकारी है.यह दातों के दर्द को भी दूर करता है .खूनी दस्त और रक्तचाप को भी नियंत्रित करता है.
क्या कहता है मेडिकल साइंस
इंडियन मेडिकल गजट के अनुसार पत्थरचट्टा अल्कलॉइड्स,फ्लेवोनॉयड्स, ग्लाइकोसाइड, ट्राईटरपेन्स, कार्डिएनोइड्स, लिपिड और एस्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव यौगिकों से समृद्ध से हो सकता है. इसके अलावा फाइबर,प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कॉपर,जिंक,पोटेशियम,निकल,कैल्शियम,सोडियम,लेड, कैडमियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं.
ऐसे करें सेवन
इस पौधे में एंटीबैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं. जो कि संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता रखता है.वैसे तो पर पत्थरचट्टा का पौधा विभिन्न रोगों में प्रयोग किया जाता है.खास कर किडनी व गॉलब्लाडर की पथरी के लिए यह रामबाण साबित होता है. इसके पत्तों का काढ़ा बनाया जाता है. अर्क निकालकर भी प्रयोग किया जाता है.साथ में फोड़ा-फूंसी और सूजन की समस्या होने पर इसका लेप बनाकर भी प्रयोग किया जाता है.

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Author: sanvaadsarthi

संपादक

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