अंत्योदय दिवस 2023: गरीबो दलितों की आवाज थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय, जाने उनके बारे में खास बातें

Antyodaya Diwas 2023 : 25 सितंबर की तारीख को हमारा देश महान नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के रूप में मनाता है। दीनदयाल उपाध्याय को भारत में गरीब-दलितों की आवाज भी कहा जाता था। उनका सपना था कि देश की हर जन कल्याणकारी योजना का लक्ष्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। “समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के लिए योजनाएं बननी चाहिए। देश के लिए दिए गए उनके योगदान के उपलक्ष्य में उनकी जयंती को अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है .
1916 में हुआ था जन्म
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को हुआ था। पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय और माता का नाम रामप्यारी था। हालांकि, जब वह 08 साल के ही थे तो उनकी माता-पिता दोनों का ही निधन हो गया। इसके बाद उनके मामा ने उनका ध्यान रखा। अपनी शिक्षा के दौरान ही वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में आए। वह आगे चलकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक और भारतीय जन संघ (BJS) के सह-संस्थापक भी बनें।
एकात्म भारत का विचार
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की ओर से दिया गया एकात्म भारत का विचार आज भी देश में काफी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा था कि भारत में रहने वाला और इसके प्रति ममत्व की भावना रखने वाला मानव समूह एक जन हैं। उनकी जीवन प्रणाली, कला, साहित्य, दर्शन सब भारतीय संस्कृति है। इसलिए भारतीय राष्ट्रवाद का आधार यह संस्कृति है। इस संस्कृति में निष्ठा रहे तभी भारत एकात्म रहेगा।
स्वदेशी के समर्थक थे
पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्वदेशी के भी बहुत बड़े समर्थक थे। उनका कहना था कि भारत के लिए एक स्वदेशी आर्थिक मॉडल विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसमें व्यक्ति केंद्र में हो। उन्होंने देश की आर्थिक व्यवस्था के लिए ‘भारतीय अर्थ नीति का अवमूल्यन’ और ‘भारतीय अर्थ नीति: विकास की एक दिशा’ नाम की पुस्तक भी लिखी थी। इसके अलावा उन्होंने मासिक राष्ट्रीय धर्म, पांचजन्य और दैनिक स्वदेश भी शुरू किया था।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे समर्थक
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने उपाध्याय जी की कार्यकुशलता और क्षमता से प्रभावित होकर एकबार कहा था- यदि मुझे दो दीनदयाल मिल जाएं, तो मैं भारतीय राजनीति का नक्शा बदल दूं। हालांकि, 11 फरवरी 1968 की रात मुगलसराय के करीब का उनका आकस्मिक निधन हो गया था। उनके सम्मान में भारत सरकार ने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन कर दिया है।
अंत्योदय दिवस का ऐलान
अंत्योदय का अर्थ होता है उत्थान, समाज के अंतिम स्तर तक आर्थिक, सामाजिक रूप से कमजोर वर्ग का उदय। अंत्योदय शब्द पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने ही दिया था। उनके सम्मान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को उपाध्याय जी की 98वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस की घोषणा की थी। साल 2015 से हर साल आधिकारिक तौर पर इस दिवस को मनाया जाता है।

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Author: sanvaadsarthi

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